महासंघ का गठन परमज्ञानोपयोगी, प्रखर प्रभावी प्रवचनों के अधिपति मुनि श्री 108 श्री प्रमाण सागर जी महाराज के आशीष व प्रेरणा का प्रसाद है। गुरू आशीष से समाजिक धार्मिक आध्यात्मिक व सांस्कृतिक उन्नयन की ओर उन्मुख महासंघ धर्म प्रभावनार्थ तीर्थ यात्रा का आयोजन गैर व्यवसायिक दृष्टिकोण से करता है। यही कारण है असहाय, निर्धन या वृद्ध जनों का अल्पशुल्क में यात्रा कराने वाले इस आयोजन की सफलता का श्रेय अर्जित कर चुका है।
इस दिशा में दातारों का सहयोग सम्मान एवं गौरव का सुपात्र है। विगत यात्रा में 250 धर्म प्रेमी यात्रियों को आर्थिक सहयोग प्रदान कर यात्रा कराना महासंघ की उल्लेखनीय सफलता एवं दातारों की उदारता का प्रमाण है। नगर के उन धर्मानुरागियों द्वारा प्रदत्त किये गये जोकि निर्धन अथवा असहाय जनों के सम्मेद शिखर की यात्रा कराने का सौभाग्य प्राप्त करना चाहते थे। उन्होंने इस पुण्य का अर्जन भी किया और सौभाग्य प्राप्त किया।
हम कृत-कृत हैं उन सभी के जिन्होंने सारथी बन हमें इस यात्रा में अपना आर्थिक संबल प्रदान किया एवं इस यात्रा की सफलता को द्विगुणित किया। इस नगर की वे सभी संस्थाएं जिनका सहयोग हमारे इस शुभ परोपकारी कार्य में संबल बना हम उन सभी के भी हृदय से आभारी हैं। ऐसी ही अनेकों सामाजिक संस्थाओं का सहयोग निमित्त बनता है कि हम श्रृद्धालुओं की यात्रा को सानंद सम्पन्न कराने में एक कीर्तिमान स्थापित कर पाते हैं।
यह यात्रा आपके धर्मभाव शालीन एवं सहयोगात्मक तथा सौहार्द पूर्ण व्यवहार के साथ सम्पन्न हों हम विश्वस्त हैं यात्रा को सानंद सम्पन्न कराने के लिये बनाई गई नियमावली का तीर्थयात्री द्वारा संकल्प के सहित पालन करना हमारी प्रतिबद्धता है।
इन्ही मंगल भावनाओं सहित शिखर जी तीर्थ क्षेत्र की महासंघ द्वारा आयोजित यह सोलहवीं यात्रा श्रम प्रसून पिसनहारी मढ़िया की नगरी से प्रारंभ हो रही है..... आज 26 सितम्बर 2024 दिन गुरुवार को यह पुस्तिका आपके कर कमलों में है। बैच, स्टीकर प्रदान किये जा रहे हैं। आपने अपनी वर्थ का नं. प्राप्त कर ही लिया होगा। लीजिये हम प्रारंभ करते हैं अपनी ये शुभ यात्रा.....
Mahasangh Katham is a prasad of the blessings and inspiration of Muni Shri 108 Shri Praman Sagar Ji Maharaj, the master of knowledge-oriented, sharp and effective discourses. The Mahasangh, oriented towards Guru Ashish, social, religious, spiritual and cultural upliftment, organises pilgrimages for religious influence from a non-commercial point of view. This is the reason that this organisation, which organises the journey of helpless, poor and elderly people for free or at a nominal fee, has earned the credit of success by taking only Rs. 1500 from you. The support of donors in this direction is worthy of respect and honour. In the last yatra, providing financial support to 250 religious loving pilgrims and making them travel is a proof of the remarkable success of the Mahasangh and the generosity of the donors. The donations were made by those religious people of the city who wanted to get the privilege of organising the journey of poor and helpless people to Sammed Shikhar. They also earned this virtue and got the good fortune.
We are grateful to all those who became charioteers and provided us with their financial support in this journey and doubled the success of this journey. We are also heartily grateful to all those institutions of this city whose cooperation became a support in this auspicious philanthropic work of ours. The cooperation of many such social organizations becomes the reason that we are able to set a record in completing the journey of the devotees happily.
We are confident that this journey should be completed with your religious sentiments, decent and cooperative and cordial behavior. It is our commitment that the pilgrims will follow the rules made to complete the journey happily with a resolution.
With these auspicious feelings, this seventeenth journey organized by the Sangh of Shikhar Ji Tirtha Kshetra is starting from the city of Shram Prasun Pisanhari Madhiya...... Today on Friday, 12 September 2025, this booklet is in your hands. Badges, stickers are being provided. You have given the number of your worth. You must have received it. Let us begin this auspicious journey of ours......
स्थापनाः संस्कारधानी जबलपुर के श्रमशील कर्मठ युवकों द्वारा 20 अगस्त 2006 को दि. जैन महासंघ जबलपुर ईकाई की नींव श्री अशोक जैन फुग्गा, श्री रवि जैन श्री शैलेश आदिनाथ के मार्गदर्शन में स्थापित की गई जिसमें सर्वसम्मति से पदाधिकारियों एवं कार्यकारिणी घोषित की गई।
3 नवम्बर 2006 से शुरू इस धर्म प्रभावना यात्रा के पंच दिवसीय आयोजन में 700 यात्रियों को सम्मेद शिखर यात्रा का पुर्ण्याजन कर एवं अपने मस्तक पर स्वाभिमान एवं सम्मान का तिलक सम्मेद शिखर में आयोजित दि. जैन युवा महासंघ के राष्ट्रीय अधिवेशन में श्री शैलेश आदिनाथ को प्रान्तीय अध्यक्ष के खिताब के रूप में पाकर लगाया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मदन लाल जी बैनाडा का आगमन 13-12-06 को संस्कारधानी की धर्म धरा पर हुआ। जो प्रत्येक सदस्य को स्फूर्त कर गया। उनके आगमन पर संघ द्वारा एक गरिमामय आयोजन किया। जिसमें जबलपुर मध्यक्षेत्र के विधायक श्री शरद जैन जी ने अध्यक्ष को शाल, श्रीफल एवं अभिनंदन पत्र भेंट कर सम्मानित किया और उनके उद्बोधन का श्रवण कर एक बार फिर पीड़ित मानवता की सेवा एवं समाज कल्याण का संकल्प दोहराया।
28 नवम्बर से 2 दिसम्बर 2007 के पंच दिवसीय धर्म प्रभावना यात्रा के आयोजन से तो सारे भारत वर्ष में एक इतिहास ही रच डाला जब 18 कोचों की एक विशेष ट्रेन द्वारा जबलपुर की पावन नर्मदा तटीय भूमि से शाश्वत तीर्थ सम्मेद शिखर की यात्रा हेतु धर्म प्रभावना यात्रा मधुवन एक्सप्रेस से 1152 यात्रियों का लक्ष्य लेकर हम प्रस्थान किये जिसमें लगभग 200
ऐसे यात्रियों को हम यात्रा कराने में सफल हो पाये जो असक्षम होते हुये यात्रा नहीं कर पा रहे थे। इस यात्रा को ले जाकर हमारा हृदय गदगद था क्योंकि
यह दिगम्बर जैन समाज द्वारा ले जाने वाली पहली यात्रा थी जो कि एक विशेष ट्रेन से सम्मेद शिखर को प्रशस्थ हो रही थी ।
इस पावन यात्रा की सफलता का श्रेय सिर्फ संघ का नहीं वरन् जबलपुर जैन समाज के हम सभी श्रद्धालुओं का था, जिनके द्वारा इस यात्रा में सहयोग किया गया। उन संस्थाओं के प्रति भी संघ कृतज्ञ है, जिन्होंने हमें इस सफलता तक पहुँचाने में अपना संबल प्रदान किया ।
हमारी आध्यात्मिक यात्रा और पवित्र मंदिरों की यात्राएँ
C/O DIGAMBER JAIN YUVA MAHASANGH
125 GALGALA NEAR HOTEL MANORA TILAK WARD JABALPUR